Bihar 12th 2020 Exam Biology VVI Subjective Question Model Set,
BSEB 12th 2020 ka Objective & Subjective Important Model Set
1. किसी एक उदाहरण के साथ पृथक्करण के नियम का वर्णन करें।
-» मटर के पौधा पर पृथक्करण का नियम स्पष्ट किया जा सकता है तब लंबा (TT) पौधा को नाटा (tt) पौधा के साथ cross कराया गया तो प्रथम पौधे में सभी पौधे लंबे (Tt) हो गये लेकिन दूसरी पीढ़ी में इनका अनुपात 1: 2 : 1 हो गया अर्थात् 25% शुद्ध लंबा 50% संकर तथा 25% शुद्ध नाटे हो गये। इससे स्पष्ट होता है. कि प्रथम पीढ़ी में दोनों युग्मक साथ–साथ थे लेकिन दूसरी पीढ़ी में ‘T‘, gamete (t) gamete से अलग होने लगा। अतः यह पृथककरण के नियम को प्रदर्शित करता है।
2. यूक्रोमैटिन एवं हेटरोक्रोमैटिन में अन्तर बताएँ।
-» यूक्रोमैटिन एवं हेटरोक्रोमैटिन में अन्तर
3. अंसमजात अंग क्या हैं? कोई दो उदाहरण प्रस्तुत करें।
-» वैसा अंग जो उत्पत्ति एवं संरचना में भिन्न हो लेकिन कार्य समान हो तो उसे असमजात अंग कहा जाता है।
उदाहरण–
(i) चमगादड़, चीता तथा मनुष्य का अग्रपाद
(ii) पक्षियों एवं कीटों के अंग।
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4. रामापिथिकस और ड्रायोपिथिकस में अन्तर स्थापित करें।
-» रामापिथिकस और ड्रायोपिथिकस में अन्तर
5. संक्षेप में ट्रान्सक्रिप्शन का वर्णन करें।
-» डी.एन.ए. के स्कल भुजा से m RNA बनने की क्रिया अनुलेखन (Transcription) कहा जाता है ‘पुरकता का सिद्धांत‘ अनुलेखन प्रक्रम को नियंत्रित करता है जिसमें एडिनोसिन थाइमिन की जगह यूरेसिल के साथ क्षारयुग्म बनाता है। अनुलेखन के दौरान अपना एक रज्जूक (Single strand) आर०एन०ए० के साथ मिलाकर उसी का रूप ले लेता है।
6. क्लाइनफेल्टर सिण्ड्रोम पर प्रकाश डालें।
-» यह एक गुणसूत्रीय असमानता का रोग है जो केवल पुरुषों में उत्पन्न होता है। इसमें गुणसूत्रों की संख्या 46 के बदले 47 हो जाता है। 2A + XXY हो जाता है। युग्मकजनन के समय लिंग गुणसूत्रों में विनियोजन नहीं होने के कारण यह रोग उत्पन्न होता है।
लक्षण–
(i) शरीर, नाटा तथा सिर बड़ा हो जाता है।
(ii) चेहरे पर दाढ़ी–बाल का अभाव रहता है।
(iii) वृषण का विकास नहीं होता है।
(iv) इनमें. लिंग हार्मोन का स्राव नहीं होता है।
(v) यह जनन कार्य में असमर्थ रहते हैं। .
7. जी. एम० ओ० पर प्रकाश डालें।
-» इसे सामान्यत: Genetically Modified Organism कहा जाता है। जीनों को दूसरे जीव में प्रवेश कराकर नये एवं मनोनुकुल जीव को विकसित कराया जाय तो उसे ‘GMO‘ कहा जाता है। जैसे— ‘गोल्डेन राइस‘ तथा ‘बीटी कटन‘ सामान्य उदाहरण हैं।
8. बायो-पाइरसी (जैविक चोरी) का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत करें।
-» बहुराष्ट्रीय कंपनियों व दूसरे संगठनों द्वारा किसी राष्ट्र या उससे संबंधित लोगों से बिना व्यवस्थित अनुमोदन व क्षतिपूरक भुगतान के जैव संसाधनों का . उपयोग करना बायो पाइरेसी (Biopiracy) कहा जाता है। उदाहरण के तौर पर वर्ष 1977 ई. में एक अमेरिकी कंपनी ने बासमती धान पर अमेरिकन एकस्व व ट्रेडमार्क कार्यालय द्वारा एकस्व अधिकार प्राप्त करा लिया था। जिसे न्यायालय द्वारा निरस्त कराकर भारत को एकस्व अधिकार मिला।
9. अमीबियासिस क्या है? इसके कारक का नाम बताएँ एवं इस रोग के लक्षणों का वर्णन करें।
-» यह एक प्रकार आँत में उत्पन्न होने वाला रोग है जिसका कारक जीव ‘एन्टअमीबा हिस्टोलाइटिका‘ है। इसमें कब्ज, उदरीय पीड़ा और ऐंठन, अत्यधिक श्लेषमल और रक्त के थक्के वाला मल इसे रोग के लक्षण हैं।
10. शराब/अल्कोहल के दुष्परिणामों का वर्णन करें।
-» शराब/अल्कोहल के दुष्परिणाम निम्न होते हैं
(i) अंधाधुंध, व्यवहार, बर्बरता और हिंसा प्रारंभिक लक्षण हैं।
(ii) श्वसन पात, हृदयाघात अथवा प्रमस्तिष्कीय स्राव के कारण मुर्छा और मृत्यु हो सकती हैं।
(iii) व्यक्तिगत स्वच्छता के रुचि में कमी, एकाकीपन अवसाद, थकावट, ‘आक्रमणशील एवं विद्रोही स्वभाव हो जाते हैं।
(iv) सोने–खाने की आदतों में परिवर्तन एवं मुख में कमी हो जाती हैं।
11. अन्तर्जात प्रतिरक्षा पर प्रकाश डालें।
-» अन्तर्जात प्रतिरक्षा एक प्रकार की अविशिष्ट रक्षा है जो जन्म के समय मौजूद होती है। यह प्रतिरक्षा हमारे शरीर में बाह्य कारकों के प्रवेश के सामने विभिन्न रोध खडा करने से हासिल होती है। इसमें शारीरिक रोध, कार्यिकीय रोध, कोशिकीय रोध तथा साइटोकाइन रोध होते हैं। जिनके कारण शरीर को रोगाणुओं से मुक्ति मिलती है।
12. अनुकूलन क्या है? इसका सोदाहरण वर्णन करें।
-» जीवों के वातावरण से सामंजस्य प्राप्त करने की क्रिया अनुकूलन कहलाता है। अनेक मरुस्थलीय पौधों की पत्तियों के सतह पर मोटी उपत्वचा (क्यूटिकिल) होती हैं. उनके रंध्र गहरे गर्त में व्यवस्थित रहते हैं। ताकि वाष्पोत्सर्जन की क्रिया को कम किया जा सके। इनमें प्रकासंश्लेषी मार्ग भी विशेष प्रकार के होते हैं। अत: यह सभी मरुदभिद अनुकूलन के लायक होते हैं।
13. अंतःप्रजनन क्या है?
-» अंत:प्रजनन का अर्थ एक ही नस्ल के अधिक निकटस्थ व्यक्ति के मध्य 4-6 पीढ़ी तक संगम होता है। इसमें एक नस्ल से उत्तम किस्म का नर तथा उत्तम किस्म की मादा को चयनित कर उसे संगम कराया जाता है। इसके द्वारा अधिक दूध देने वाली गायों के नसल विकसित कराये जाते हैं।
14. मानवों में मादा/स्त्री जनन तंत्र का नामांकित चित्र बनाएँ।
मादा/स्त्री जनन तंत्र का नामांकित चित्र
15. बाह्य-स्थान संरक्षण पर प्रकाश डालें।
-» दुर्लभ एवं विलुप्त होने वाले जीवों को उसके मूल आवासीय क्षेत्र से बाहर सुरक्षित एवं संरक्षित कर लिया जाये तो उसे बाह्य स्थाने संरक्षण कहा जाता है। जंतु उद्यान, वनस्पति उद्यान तथा वन्य जीव सफारी पार्क की स्थापना करके संरक्षित किया जाता है।
16. एलर्जी क्या है? इसके लक्षणों का संक्षेप में वर्णन करें।
-» किसी प्रतिजन या बाह्य कारकों के प्रति मानव शरीर की उच्च संवेदनशीलता
एलर्जी कहलाता है।
एलर्जी के लक्षण
(i) शरीर पर लाल चकता उग जाता है।
(ii) खुजली, एवं बेचैनी बढ़ जाता है।
17. आधुनिक जैविक विकास के आलोक में नैतिकता के विचार पर प्रकाश डालें। –
-» आधुनिक जैव विकास जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान द्वारा संभव हो पाया है। इसके द्वारा नई प्रजातियाँ तैयार की गई हैं। फसल उत्पादन बढ़ी है। जनसंख्या को भोजन प्रदान किया जा रहा है। किंतु विचारणीय बिंदु यह है कि क्या इस प्रकार के बीजों से हमारे कृषि उत्पाद रासायनिक विषों से सुरक्षित रह पाएँगे। क्या आनुवंशिकीय अभियांत्रित जीवों से पर्यावरण को कोई खतरा तो नहीं है। क्या इस प्रकार के जीवों, से सामाजिक आचार संहिता तो प्रभावित नहीं होगी। समाज एवं अन्य संगठनों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है। क्योंकि अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इनके प्रभाव क्या होंगे।
18. सहभोजिता एवं असहभोजिता में अन्तर बताएँ।
-» सहभोजिता ऐसी पारिस्परिक क्रिया है जिसमें एक जाति को लाभ होता है तो दूसरी जाति को न लाभ होता है न हानि। जैसे–आर्किड का आम के वृक्ष पर उगना।
असहभोजिता ऐसे पारस्परिक क्रिया जिसमें एक जाति बर्बाद हो जाए तथा दूसरा पर कोई प्रभाव नहीं पड़े असहभोजिता में दोनों जाति को न लाभ होता है न हानि।
– दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
19. सूक्ष्म जीव क्या हैं? मानव कल्याण में इनकी भूमिका का संक्षिप्त वर्णन करें।
-» सूक्ष्म जीव मानव कल्याण के लिए आवश्यक है क्योंकि इसके द्वारा मानव. जीवन के अनेक क्षेत्रों में उपयोगी व लाभकारी क्रियाकलाप द्वारा मानव कल्याण संभव होता है। अत: सूक्ष्मजीव मानव कल्याण के लिए आवश्यक है।
ये क्षेत्र हैं –
(1) घरेलू उत्पादों में सूक्ष्मजीव की भूमिका :- सूक्ष्मजीव का उपयोग विभिन्न प्रकार के घरेलू उत्पादों के निर्माण में होता है जिसका प्रयोग हम प्रतिदिन करते हैं। इसका सबसे अच्छा उदाहरण दूध से दही का बनना है। दध में पाई जानेवाली शर्करा लैक्टोस को कुछ जीवाणु, जैसे लैक्टोबैसिलस केसिआई (Lactobacillus casei) या लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया किण्वन (fermentation) की क्रिया द्वारा लैक्टिक अम्ल में बदल देते हैं। इससे दूध खट्टा हो जाता है। लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया दूध में पाए जानेवाले केसीन (casein) नामक प्रोटीन की छोटी–छोटी बूंदों को एकत्रित करके दही जमाने में सहायता करते हैं।
(2) औद्योगिक क्षेत्र में : यीस्ट के प्रयोग से अनेक प्रकार के ऐल्कोहॉलिक पेय का निर्माण प्राचीन समय से होता आ रहा है। किण्वन क्रिया के अंत में यीस्त इथाइल ऐल्कोहॉल बनाते हैं जिसके फलस्वरूप ऐल्कोहलिक पेय, जैसे ब्रांडी ह्विस्की, वाइन, बियर, रम आदि का उत्पादन किया जाता है। प्रतिजैविकों (एक प्रकार का रासायनिक पदार्थ) का निर्माण सूक्ष्मजीवों के उपापचयी (metabolics क्रियाओं द्वारा होता है जो किसी अन्य सूक्ष्मजीवों के लिए हानिकारक या निरोधी होते हैं। शर्करा के घोल से ब्यूटाइल ऐल्कोहॉल एवं ऐसीटोन का निर्माण क्लोस्ट्रीडियम ऐसीटोब्यूटाइलिकम नामक जीवाणु द्वारा किया जाता है।
(3) वाहितमलजल उपचार में सूक्ष्मजीव : जीवाणुं वाहितमलजल में मौजूद कार्बनिक प्रदूषकों को अपने में ग्रहण कर इसे शुद्ध करने का कार्य करते हैं।
(4) बायोगैस के उत्पादन में सूक्ष्मजीव : वैसी गैसें, जो जीवों द्वारा अपनी चयापचयी क्रियाओं के दौरान मुक्त की जाती है, बायोगैस कहलाती है। इन गैसों में मुख्य रूप से मीथेन गैस होती हैं एवं इसके साथ–साथ कार्बन डाइऑक्साइड, हाइड्रोजन सल्फाइड आदि गैसें भी सूक्ष्मजीवों द्वारा सक्रियता से उत्पन्न की जाती हैं।
(5) कृषि क्षेत्र में : हमारी संपूर्ण फसल–पैदावार का लगभग 10% भाग पादप–रोगाणुओं तथा पीड़कों द्वारा हर साले नष्ट हो जाता है। रासायनिक विधियों से इसका नियंत्रण आसान तो होता है, लेकिन अंततः ये विषैले रसायन आहार शृंखला द्वारा हमारे शरीर में पहुँचकर हमें कई प्रकार से हानि पहुँचाते हैं। अतः
जैविक विधियों द्वारा इनका नियंत्रण किया जाना चाहिए। किसी जमीन में यदि . लगातार फसल उगाई जाती रहे और बाहर से पोषक तत्त्व न मिलाए जाएँ तो जमीन की उर्वरा–शक्ति कम होती जाएगी। पोषक तत्त्वों की इसी कमी को पूरा करने के लिए उर्वरकों का उपयोग किया जाता है।
20. लिंग क्या है? लिंग निर्धारण के विभिन्न प्रकारों का संक्षिप्त वर्णन करें।
-» जिसके द्वारा जीवों के नर या मादा, का पहचान होता है उसे लिंग कहा जाता है। लिंग निर्धारण के लिए निम्न दो प्रकार के सिद्धांत प्रस्तावित किये गये हैं
(i) गुणसूत्रीय सिद्धांत
(2) जीनी संतुलन सिद्धांत
(1) गुणसूत्रीय सिद्धांत : – इसे मेकलंग ने 1902 ई. में प्रस्तावित की थी। इनके अनुसार लिंग निर्धारण के लिए एक जोड़ा गुणसूत्र जिम्मेवार होता है। यह निम्न प्रकार से संपन्न होता है
(a) xx–XY प्रक्रिया : यह लिंग निर्धारण की सर्वमान्य विधि है। यह कुछ स्तनियों एवं कीटों में पाई जाती है। जैसे–ड्रोसोकिटना। इसमें लिंग निर्धारण की क्रिया निम्न प्रकार से दर्शायी जा सकती है।
(b) XX–X0 प्रक्रिया :- इस प्रक्रिया के द्वारा लिंग निर्धारण कुछ कीटों, जैसे—हेमिप्टेरा व आर्थोप्टेरा में पाया जाता है इसके अन्तर्गत मादाओं में दो XX गुणसूत्र तथा नर में केवल एक ‘X’ गुणसूत्र होता है और सभी क्रियाएँ समान होते हैं।
21. कैंसर पर संक्षिप्त टिप्पणी प्रस्तुत करें।
-» ट्यूमर के अध्ययन को ऑनकोलॉजी कहते हैं, जो प्राय: कोशिकाओं से बनता हैं। कोशिका- विभाजन एक नियंत्रित क्रिया है, लेकिन इस क्रिया के द्वारा निर्मित कोशिंकाएँ सामान्य वृद्धि नियंत्रण क्रिया को नहीं दर्शाता है तथा अनियमित रूप से टूटकर कोशिकाओं का झुंड बनाता है जिसे हम ट्यूमर अथवा न्यूओप्लाज्म कहते हैं।
रोग निदान :-
इस रोग के निदान के लिए निम्नलिखित उपायों का व्यवहार किया जाता है।
(i) मैलिगनैंट कोशिकाओं का औतिकीय (histological) अध्ययन।
(ii) रुधिर-संबंधी जाँच के क्रम में असामान्य (abnormal) श्वेत रुधिर कोशिका (WBC) को खोजना।
(iii) अस्थि-मज्जा का बायोप्सी जाँच (biopsy test) भी किया जाता है।
उपचार :-
कैंसर के उपचार के लिए निम्नलिखित विधियों का उपयोग किया जाता है।
(i) शल्य चिकित्सा :- कैंसर रोग से ग्रसित ऊतक को शल्य-क्रिया द्वारा शरीर से अलग करना सबसे आसान तरीका माना जाता है। शल्य-क्रिया के उपरांत जरूरत के अनुसार रेडियेशन देना भी लाभदायक सिद्ध होता है तथा रेडिएशन की मात्रा कैंसर की टाइप पर निर्भर करता है।
(ii) रेडियोथेरापी–उपचार के इस क्रम में शरीर के निश्चित क्षेत्र को रेडियेशन (radiation) बहुत ही सावधानीपूर्वक नियंत्रित रूप से दिया जाता है। इसके लिए मस्सा (tumor) के खास हिस्से का चुनाव कर प्रत्येक दिन एक निश्चित समय पर रेडियेशन देना चाहिए।
(iii) कीमोथिरैपी :- कैंसर बीमारी के लिए अधोलिखित कुछ दवाइयाँ हैं जो अपने स्वभाववश कैंसर-विरोधी होते हैं।
(a) एलकायलैटिंग साधन :-कुछ ऐसे क्षारीय रसायनिक पदार्थ हैं जो DNA की प्रतिकृति और प्रतिलिपि रोकता है।
(b) टीमेटाबोलाइट्स :- यह फोलेट मेटाबोलिज्म को रोकता है और फोलेट की मात्रा को घटा देता है जो प्यूरिन और प्युरामिडिन संश्लेषण के लिए आवश्यक होता है। “
(iv) इम्युनोथिरैपी-मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज का व्यवहार विभिन्न प्रकार के कैंसर के उपचार हेतु किया जाता है।
22. मत्स्य पालन क्या है? भोजन की गुणवत्ता सुधार में इसकी भूमिका बताएँ।
-» “मत्स्यकी एक प्रकार का उद्योग है जिसका सीधा संबंध मत्स्यपालन, उनका प्रसंकरण तथा उनकी बिक्री से है। इस उद्योग में अन्य जलीय जीवों को भी सम्मिलित किया गया है।” कृषि में ‘हरित क्रांति’ की सफलता के बाद नील क्रांति’ (blue revolution) मत्स्य उद्योग को बढ़ावा देकर किया जा रहा है। .. मछलियाँ अलवणीय जल या मृदुजल (fresh water) तथा लवणीय जल या कठोर जल (hard water) दोनों प्रकार के जल में पाई जाती हैं। अलवणीयं या मीठे जल में पाई जानेवाली मछलियों में रोहू (Labeo), कतला (Catla), सिंगी, टेंगरा, माँगुर, सुहिया, गरई आदि प्रमुख हैं।
भारतवर्ष की जनसंख्या का एक बहुत बड़ा भाग मछली को आहार के रूप में प्रयोग करता है। मछलियों के यकृत से प्राप्त तेल, शाक या कॉड लीवर ऑयल का औषधिक महत्त्व है।
23. वाहित मल क्या है? इनके उपचार की किसी एक विधि का संक्षिप्त विवरण दें।
-» शहरों में बड़े-बड़े नालों के द्वारा प्रवाहित होनेवाले मल-जल एवं अन्य दूषित पदार्थों को वाहित मल कहा जाता है।
उपचार :-
इसमें प्राथमिक उपचार की विधि सरल एवं सर्वमान्य है यह निम्न दो चरणों में पूरा होता है इस विधि में मूलभूत रूप से वाहित मल से बड़े-छोटे कणों का छनना तथा अवसादन द्वारा भौतिक रूप से अलग किया जाता है आरंभ में तैरते हए कड़े-करकट को अनक्रमिक निस्यंदन द्वारा हटा दिया जाता है इसके बाद ग्रिट को अवसादन द्वारा निष्कासित किया जाता है। सभी नीचे बैठे ठोस कण प्लावी वहि:स्राव का निर्माण करते हैं। बहिःस्राव को प्राथमिक नि:सादन टैंक से द्वितीयक उपचार के लिए लाया जाता है।
24. डी०एन०ए० का एक विस्तृत आरेख बनाकर उसे सही रूप से नामांकित करें।
-» डी०एन०ए० का एक विस्तृत आरेख
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Biology ka vvi objective 2020 ke liye
Oll subject ka questions and answers